कड़कती ठण्ड में ठिठुरती-सी रात,
कोहरे में लिपटी सहमी-सी रात,
घनघोर बारिश में भीगी-सी रात,
भीषण गर्मी में दहकती-सी रात.
पत्थरों पर बिछी हुई चुभती-सी रात,
तीन बटा छः की संकरी-सी रात,
दर्द के मारे कराहती-सी रात,
खनकती आवाज़ों में सिसकती-सी रात.
कभी कहीं,कभी कहीं गुज़रती-सी रात,
गालियों-डंडों से बचती-सी रात,
टुकड़ों-टुकड़ों में बिखरती सी रात,
छोटे से दिन की लंबी सी रात.