top hindi blogs

शुक्रवार, 28 मार्च 2025

800. ट्रेन में चढ़ने की कोशिश में औरत

 


वह हमेशा समय पर पहुंची स्टेशन,

पर चढ़ नहीं पाई किसी डिब्बे में,

उसे ठेल दिया हमेशा

चढ़नेवालों या उतरनेवालों ने,

प्लेटफ़ॉर्म पर ही छूटती रही वह।


देर से उसे समझ में आया है

कि ट्रेन में चढ़ने के लिए

काफ़ी नहीं है टिकट ले लेना,

समय से प्लेटफ़ॉर्म पर आ जाना,

डिब्बे तक पहुंच जाना।


उसे ज़्यादा ज़ोर लगाना होगा,

थोड़ा स्वार्थी, थोड़ा निर्मम होना होगा,

थोड़ी हिम्मत जुटानी होगी,

चीरना पड़ेगा भीड़ को,

तभी वह चढ़ पाएगी डिब्बे में,

तभी वह कर पाएगी यात्रा।


6 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" शनिवार 29 मार्च 2025 को लिंक की जाएगी ....  http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

    जवाब देंहटाएं
  2. सही कहा , जब तक हम खुद अपने लिए हिम्मत नहीं करेंगे तब तक हम हारते हीं रहेंगे ।

    जवाब देंहटाएं
  3. हिम्मत,साहस और जागरूकता का संदेश देती सुन्दर रचना ।

    जवाब देंहटाएं
  4. दुखद है, पर सच है। कोई नहीं चढ़ाता डिब्बे पर।

    जवाब देंहटाएं