शादी के लिए नहीं होता
कोई भी मौसम सही मौसम,
जैसे बुरा सपना देखने के लिए
सही नहीं होती कोई भी रात.
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ज्योतिषी हर साल बताता है
शादी का सही मौसम,
पर कभी नहीं बताता,
तलाक़ का सही मौसम.
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शादी के मौसम में
मत उछलो मेंढकों की तरह,
इतना तो मेंढक भी नहीं उछलते
बरसात के मौसम में.
वाह
जवाब देंहटाएंवाह...बहुत सुंदर क्षणिकाएँ।
जवाब देंहटाएंसादर।
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार ८ अगस्त २०२४ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
वाह! अद्वितीय।
जवाब देंहटाएंसुंदर
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