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रविवार, 28 जुलाई 2024

पत्तों पर अटकी बूँदें- कोरोना की कविताएँ

 

साथियों, 

कोरोना पर लिखी गईं मेरी 51 कविताओं का संकलन ‘पत्तों पर अटकी बूँदें’ अब अमेज़न पर उपलब्ध है. इन कविताओं में सिर्फ़ मेरे अनुभव ही नहीं, आप सभी के अनुभव हैं, क्योंकि कोरोना से कोई अछूता नहीं रहा. लाखों मज़दूरों का अपने गांवों की ओर पलायन, अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी, श्मशान-घाटों में क़तारें- मैंने हर पहलू को इन कविताओं में समेटने की कोशिश की है. किताब का मूल्य 49 रुपए है. आप इस लिंक पर जाकर ऑर्डर कर सकते हैं. 


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अमेज़न अनलिमिटेड के सदस्यों के लिए यह मुफ़्त उपलब्ध है. 



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