top hindi blogs

शुक्रवार, 12 मई 2023

७१३.अलगनी

 


रात-भर जागता हूँ,

चिंताएं उमड़ती-घुमड़ती रहती हैं, 

दूर से देख लेती हैं वे 

पास आती नींद को,

घुसने नहीं देतीं अंदर, 

रोक लेती हैं दहलीज़ पर. 


हर शाम जब घर लौटता हूँ,

टांग देता हूँ अलगनी पर

ऑफिस के शर्ट-पैंट,

बदल लेता हूँ कपड़े,

पर नींद है कि आती ही नहीं. 


कोई तो ऐसी अलगनी होगी,

जिस पर टांग सकूं अपनी चिंताएं,

सो सकूं घोड़े बेचकर

थोड़ी देर के लिए ही सही.  


नींद के लिए काफ़ी नहीं होता,

हवादार कमरा,

नर्म बिस्तर

और आरामदेह कपड़े.


4 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 14 मई 2023 को साझा की गयी है
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  2. भूख और नींद स्वाभाविक क्रियाएँ किसी चीज के नशे में नहीं होतीं

    बढ़िया सृजन

    जवाब देंहटाएं
  3. काश! ऐसी कोई अरगनी होती।

    जवाब देंहटाएं