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शुक्रवार, 6 मई 2022

६४९.पंक्चर



मेरी साइकिल की 

नई-नई ट्यूब में 

पंक्चर क्या हुआ,

सब मान बैठे 

कि ट्यूब कमज़ोर है. 


कभी-कभी ट्यूब 

बहुत मज़बूत होती है,

पर घुस जाती है उसमें 

कोई नुकीली चीज़ अचानक. 


कभी-कभी जानबूझकर भी 

घुसा दी जाती है 

ट्यूब में कोई कील

या निकाल दी जाती है हवा 

ताकि वह चल न सके. 


हमेशा यह मानना 

सही नहीं होता 

कि पंक्चर होने का कारण 

कमज़ोर होना ही होता है. 


9 टिप्‍पणियां:

  1. वाह! सही दृष्टि!!! इस जीवन की की भी कुछ ऐसी ही गाथा है।

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  2. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(०७-०५-२०२२ ) को
    'सूरज के तेवर कड़े'(चर्चा अंक-४४२२)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  3. “पंचर” के माध्यम से जीवन दर्शन को बहुत ख़ूबसूरती से बयान लाजवाब रचना ।

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  4. भाई जी वाह वाह!क्या बात है👍👍👌👌

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  5. वाह ।
    कितना सटीक जीवन संदर्भ ।
    अद्भुत दृष्टिकोण ।

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