जी नमस्ते, आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (25-11-2019) को "कंस हो गये कृष्ण आज" (चर्चा अंक 3530) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित हैं…. ***** रवीन्द्र सिंह यादव
.. छोटी मगर मन को गुदगुदा कर निकल गई कविता. कवि की चपलता झलक गई यहां ...सारा कुछ लिखकर गिलहरी की तरह फुदक कर दूसरी ओर निकल गए..बहुत ही अच्छी लगी आप की कविता..👌
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज रविवार 24 नवम्बर 2019 को साझा की गई है...... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (25-11-2019) को "कंस हो गये कृष्ण आज" (चर्चा अंक 3530) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित हैं….
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रवीन्द्र सिंह यादव
वाह
जवाब देंहटाएं.. छोटी मगर मन को गुदगुदा कर निकल गई कविता.
जवाब देंहटाएंकवि की चपलता झलक गई यहां ...सारा कुछ लिखकर गिलहरी की तरह फुदक कर दूसरी ओर निकल गए..बहुत ही अच्छी लगी आप की कविता..👌
हिल कर ही बहुत कुछ कहते हैं ये पेड़ ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंये कितनी मीठी, प्यारी सी रचना है!
जवाब देंहटाएंउम्दा लिखावट ऐसी लाइने बहुत कम पढने के लिए मिलती है धन्यवाद् Aadharseloan (आप सभी के लिए बेहतरीन आर्टिकल संग्रह जिसकी मदद से ले सकते है आप घर बैठे लोन) Aadharseloan
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