स्कूटर भाई, अब चलते हैं,
किसी कबाड़ी के यहां रहते है,
तुम भी पुराने, मैं भी पुराना,
बीत चुका है हमारा ज़माना।
यूं उदास मत होना,
जो नए हैं, कभी-न-कभी
वे भी पुराने होंगे,
उनका हाल देखने के लिए
बस हम नहीं होंगे।
वाह अति सुन्दर
पुराने की सुखद स्मृतियों को साथ लेकर भविष्य के बदलाव को स्वीकारना ही खुश रहने के लिए जरूरी है।सादर------जी नमस्ते,आपकी लिखी रचना शुक्रवार ७ नवंबर २०२५ के लिए साझा की गयी हैपांच लिंकों का आनंद पर...आप भी सादर आमंत्रित हैं।सादरधन्यवाद।
वाह बहुत सुन्दर
सुंदर
परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है .. शायद ...
वाह!! बहुत सही कहा....
वाह अति सुन्दर
जवाब देंहटाएंपुराने की सुखद स्मृतियों को साथ लेकर भविष्य के बदलाव को स्वीकारना ही खुश रहने के लिए जरूरी है।
जवाब देंहटाएंसादर
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार ७ नवंबर २०२५ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
वाह बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंसुंदर
जवाब देंहटाएंसुंदर
जवाब देंहटाएंपरिवर्तन ही प्रकृति का नियम है .. शायद ...
जवाब देंहटाएंवाह!! बहुत सही कहा....
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