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मंगलवार, 4 नवंबर 2025

824. स्कूटर भाई

 


स्कूटर भाई, अब चलते हैं,

किसी कबाड़ी के यहां रहते है,

तुम भी पुराने, मैं भी पुराना,

बीत गया हम जैसों का ज़माना।


जो नए हैं, कभी-न-कभी 

वे भी पुराने होंगे,

उनका हाल देखने के लिए

बस हम नहीं होंगे।


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