वृद्धावस्था पर मेरी 51 हिन्दी कविताओं का संकलन ‘बूढ़ा पेड़’ आज से अमेज़न पर उपलब्ध है। मूल्य 49 रुपए है। अगर आपने किंडल अनलिमिटेड का सब्स्क्रिप्शन ले रखा है, तो यह किताब आप मुफ़्त पढ़ सकते हैं। संकलन में परिवार और समाज की सच्चाई झलकती है। ये कविताएं उन करोड़ों बूढ़ों की आपबीती है, जो अपनी संतान के लिए सब कुछ लुटा देते हैं, पर अंत में दुःख ,आर्थिक संकट, अकेलेपन और अनदेखी के शिकार हो जाते हैं।
जो लोग बूढ़े हो चुके हैं, उन्हें अपनी तस्वीर इन कविताओं में दिखाई देगी। जो अभी बूढ़े नहीं हुए हैं, पर देर-सवेर होंगे, उन्हें अपने भविष्य की झलक इनमें मिलेगी। जो लोग बूढ़ों की ठीक से देखभाल कर रहे हैं और जो बूढ़े अकेलापन और अनदेखी नहीं झेल रहे हैं, उन्हें इन कविताओं को पढ़कर लगेगा कि वे कितने भाग्यशाली हैं।
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आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर मंगलवार 25 फ़रवरी 2025 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
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Very Nice Post.....
जवाब देंहटाएंWelcome to my blog !
बधाई
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