top hindi blogs

शनिवार, 29 फ़रवरी 2020

४०६.दर्द की तलाश

मैं तलाश में हूँ 
कि कहीं से थोड़ा 
दर्द मिल जाय.

न उनसे दर्द मिला,
जिनका धर्म अलग है,
न उनसे जिनकी जाति.

उनसे भी सुख ही मिला,
जिनका रंग अलग है,
भाषा भिन्न है.

नीरस हो गई है ज़िन्दगी,
अतिरेक हो गया है सुख का,
जीने के लिए अब दर्द ज़रूरी है.

थक गया हूँ मैं 
दर्द खोजते-खोजते,
कोई मुझे सही-सही बताए 
कि आख़िर दर्द कहाँ रहता है. 

9 टिप्‍पणियां:


  1. जय मां हाटेशवरी.......

    आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
    आप की इस रचना का लिंक भी......
    01/03/2020 रविवार को......
    पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
    शामिल किया गया है.....
    आप भी इस हलचल में. .....
    सादर आमंत्रित है......

    अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
    http s://www.halchalwith5links.blogspot.com
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  2. थक गया हूँ मैं
    दर्द खोजते-खोजते,
    कोई मुझे सही-सही बताए
    कि आख़िर दर्द कहाँ रहता है.
    गहन भावों को समेटे हुए सुन्दर प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  3. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (02-03-2020) को 'सजा कैसा बाज़ार है?' (चर्चाअंक-3628) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    *****
    रवीन्द्र सिंह यादव

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह!!!
    कुछ हटकर ...
    बहुत सुन्दर।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही उम्दा लिखावट , बहुत ही सुंदर और सटीक तरह से जानकारी दी है आपने ,उम्मीद है आगे भी इसी तरह से बेहतरीन article मिलते रहेंगे Best Whatsapp status 2020 (आप सभी के लिए बेहतरीन शायरी और Whatsapp स्टेटस संग्रह) Janvi Pathak

    जवाब देंहटाएं