ईश्वर,
मुझे वह सब मत देना,
जो मैं मांग रहा हूँ,
दे दोगे, तो और माँगूँगा,
हो सकता है कि अगर तुम
मांगा हुआ सब कुछ दे दो,
तो मुझे कुछ ऐसा मिल जाए,
जो मेरे लिए बेकार,
किसी और के लिए ज़रूरी हो।
ईश्वर,
अपने विवेक का इस्तेमाल करना,
अपनी स्तुति पर मत रीझना,
प्रार्थना से मत पिघलना,
ज़रूरत से थोड़ा कम देना,
बस उतना ही
कि मैं छीन न सकूँ
किसी और का हक़,
बना रहूँ मनुष्य।
सुन्दर
जवाब देंहटाएंसुंदर
जवाब देंहटाएंबस उतना ही
कि मैं छीन न सकूँ
सादर