top hindi blogs

शनिवार, 19 अक्तूबर 2024

788.आजकल

 




मैं तुमसे नहीं कहूँगा 

कि आजकल चाय बनाते वक़्त 

मेरे हाथ काँपते हैं,

यह भी नहीं कहूँगा 

कि आजकल मेरे घुटनों में 

बहुत दर्द रहता है.  


मैं तुमसे नहीं कहूँगा 

कि मुझे आँखों से 

धुंधला-सा दिखता है 

कि मैं कुछ भी चबाऊँ,

तो दाँत दुखते हैं. 


मैं तुमसे नहीं कहूँगा 

कि आजकल अकेले 

बाहर निकलने में 

मुझे डर लगता है,

कि  मुझे हर समय 

घेरे रहता है 

एक अजीब-सा अवसाद. 


मैं तुमसे नहीं कहूँगा 

कि आजकल मुझे 

चुभ जाती है 

हर किसी की बात,

कि मैं महसूस करता हूँ 

तन-मन से कमज़ोर. 


मैं नहीं चाहता कि तुम्हें 

खुलकर कुछ कहूँ,

पर मुझे अच्छा लगेगा, 

अगर यह जानकर 

तुम दुखी हो जाओ 

कि इन दिनों मेरी हालत 

कुछ ठीक नहीं है।


 

5 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत कुछ न कह कर सब कुछ कहना भी एक कला
    है , लाजवाब सृजन ।

    जवाब देंहटाएं
  2. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 21 अक्टूबर 2024 को लिंक की जाएगी ....  http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

    जवाब देंहटाएं
  3. काफी है अगर कोई हो ऐसा जीवन में जिसको अपने बारे में बताने का मन करे और फिर उसके दुख को देखकर छुपाने का भी मन करे।
    काफी है... बहुत काफी है कि उसकी खुशी की इतनी चाहत हो कि उसे अपनी अपनी तकलीफ ना बताना चाहें ।

    जवाब देंहटाएं