पत्थर वहीं रहता है,
पर पानी बह जाता है,
कहाँ वक़्त है उसके पास
कि कहीं रुक जाए,
बहुत पत्थरों के ऊपर से
गुज़रना होता है उसे,
बहुत-सी बाधाओं से
निपटना होता है उसे.
पत्थरों पर पानी के निशान
सन्देश हैं सभ्यता को
कि मत बनो कठोर,
मत बनो अड़ियल,
पत्थर होकर रुकने से अच्छा है
पानी होकर बह जाना.
सीख भरा सुन्दर सृजन ।
जवाब देंहटाएंवाह.. बहुत सुंदर संदेश देती अभिव्यक्ति सर।ःसादर।
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार १७ मई २०२४ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
सुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंवाह ! वाक़ई पानी सी बहती रहे मन की धारा तो ताजी रहती है
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ... जीवन भी यही है ... चलते रहना ...
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