इस बार गाँव में
प्रवासी पक्षी बहुत आए,
रंग-बिरंगे,
छोटे-बड़े,
अलग-अलग आवाज़ों में
चहचहानेवाले.
बहुत रौनक़ थी,
मेहमानों के आने से
बहुत ख़ुश थे लोग.
.
कोई उदास था,
तो वह बुढ़िया,
जिसका प्रवासी पक्षी
इस साल भी
गाँव नहीं आया था.
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर शनिवार 21 अक्टूबर 2023 को लिंक की जाएगी ....http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!!
वाह
कोई उदास था,तो वह बुढ़िया, जिसका प्रवासी पक्षी इस साल भी गाँव नहीं आया था. हृदयस्पर्शी …॥
बहुत सुंदर
माँ का दिल उदास था ❗मार्मिक पंक्तियाँ, गगन जी ❗--ब्रजेन्द्र नाथ
उदासी का सबब काश दूर हो सके ...
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर शनिवार 21 अक्टूबर 2023 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
!
वाह
जवाब देंहटाएंकोई उदास था,
जवाब देंहटाएंतो वह बुढ़िया,
जिसका प्रवासी पक्षी
इस साल भी
गाँव नहीं आया था.
हृदयस्पर्शी …॥
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंमाँ का दिल उदास था ❗मार्मिक पंक्तियाँ, गगन जी ❗--ब्रजेन्द्र नाथ
जवाब देंहटाएंउदासी का सबब काश दूर हो सके ...
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