मेरे रीसायकल बिन में
बहुत से टूटे हुए रिश्ते हैं,
कुछ मैंने तोड़ दिए थे,
कुछ ग़लती से डिलीट हो गए.
अब रीसायकल बिन में जगह नहीं है,
सोचता हूँ, हर रिश्ते को ध्यान से देखूँ,
कुछ तो ऐसे ज़रूर मिलेंगे,
जिनका टूट जाना ठीक नहीं था,
चाहता हूँ, उन्हें रिस्टोर कर दूँ.
मुश्किल यह है कि
बाक़ियों का क्या करूँ,
सदा के लिए उन्हें कैसे हटाऊँ,
क्या आप कोई ऐसी कमांड जानते हैं,
जिससे ऐसा करना संभव हो?
वाह
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना सोमवार 28 नवम्बर 2022 को
जवाब देंहटाएंपांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
संगीता स्वरूप
चिन्तन परक सृजन ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय सर, अत्यंत भावूर्ण रचना। सम्बन्धों को केवल स्नेह से रीस्टोर किया जा सकता है पर यह भी सदा सम्भव नहीं हो पाता। जीवन में सम्बन्धों का महत्व समझाती और उन्हें आहत न करने की शिक्षा देती हुई सुंदर कविता। सादर प्रणाम आपको, साथ एक अनयरोध भी, मेरे दो ब्लॉग हैं कृपया दोनो पर आ कर अपना आशीष दीजिये
जवाब देंहटाएंकुछ तो ऐसे रिश्ते मिलेंगे,
जवाब देंहटाएंजिनका टूट जाना ठीक नहीं था.
चाहता हूँ, ऐसे रिश्तों को रिस्टोर करूँ,
बाक़ियों को सदा के लिए डिलीट कर दूँ,
अकेले भी कैसे जोड़ें तोड़ें रिश्तों को..उनका एकमत होना भी तो जरूरी है
रिश्तों का रीसाइकल बिन...अद्भुत
वाह!!!
मर्मस्पर्शी रचना।
जवाब देंहटाएंप्रबुद्ध भावों का सृजन।
जवाब देंहटाएंसुंदर।
रिश्तों पर ये मार्मिक अभिव्यक्ति मन को झझकोरने वाली हैओंकार जी।सरल शब्दों में ये रचना बहुत भावपूर्ण है।सादर
जवाब देंहटाएंरिश्तों पर गहन और मार्मिक अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंरिश्तों की फाइल रिस्टोर तो हो सकती है,लेकिन अफसोस,corrupted हो जाती है!
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना।
अच्छी जानकारी !! आपकी अगली पोस्ट का इंतजार नहीं कर सकता!
जवाब देंहटाएंgreetings from malaysia
द्वारा टिप्पणी: muhammad solehuddin
let's be friend