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शुक्रवार, 10 मई 2019

३५८.सीलन

अपनी शादी के बाद 
चाव से बनवाया था उसने 
यह खूबसूरत घर,
इसी में जन्मा था उसका बेटा,
यहीं से गया था विदेश,
इसी में वह बूढ़ी हुई,
इसी में विधवा.

अब इस घर की छत में,
यहाँ की दीवारों में 
बहुत सीलन है,
मिस्त्री हैरान हैं कि 
घर में इतने आंसू 
आते कहाँ से हैं 
कि सीलन जाती ही नहीं.

5 टिप्‍पणियां:

  1. हृदय विगलित करती..,निशब्द करती अभिव्यक्ति ।

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  2. निःशब्द करती राचना ...
    दिल में सीधे घाव कर जाती है ...

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  3. ब्लॉग पर आते रहने के लिए हृदय से आभार |अच्छी कविता के लिए बधाई

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  4. बहुत हृदयस्पर्शी रचना...

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  5. बहुत ही उम्दा लिखावट , बहुत ही सुंदर और सटीक तरह से जानकारी दी है आपने ,उम्मीद है आगे भी इसी तरह से बेहतरीन article मिलते रहेंगे Best Whatsapp status 2020 (आप सभी के लिए बेहतरीन शायरी और Whatsapp स्टेटस संग्रह) Janvi Pathak

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