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शुक्रवार, 24 जून 2016

२१९. आग


आग भभक उठी है,
तो दोष केवल तीलियों को मत दो,
आग लगाने के लिए 
माचिस की डिबिया भी चाहिए,
थोड़ा तेल, थोड़ा घी,
थोड़ी टहनियां,थोड़ा घास-फूस
और सबसे बढ़कर वे हाथ,
जो सारा सामान इकठ्ठा कर दें.

अकेली तीलियों की क्या औकात 
कि आग भड़का दें,
उन्हें तो बेअसर करने के लिए 
बूँद-भर पानी ही बहुत है.

5 टिप्‍पणियां:

  1. अकेली तीलियों की क्या औकात
    कि आग भड़का दें, वाह.........

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  2. मुश्किल हालात में बूंद भर उम्मीद ही काफी होती है
    सकारात्मक व्याख्या
    बधाई स्वीकारें...
    http://rajeevranjangiri.blogspot.in/

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  3. सही कहा है ... बहुत कुछ होता है तभी आग लगती है ..

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