आग भभक उठी है, तो दोष केवल तीलियों को मत दो, आग लगाने के लिए माचिस की डिबिया भी चाहिए, थोड़ा तेल, थोड़ा घी, थोड़ी टहनियां,थोड़ा घास-फूस और सबसे बढ़कर वे हाथ, जो सारा सामान इकठ्ठा कर दें. अकेली तीलियों की क्या औकात कि आग भड़का दें, उन्हें तो बेअसर करने के लिए बूँद-भर पानी ही बहुत है.
अकेली तीलियों की क्या औकात
जवाब देंहटाएंकि आग भड़का दें, वाह.........
मुश्किल हालात में बूंद भर उम्मीद ही काफी होती है
जवाब देंहटाएंसकारात्मक व्याख्या
बधाई स्वीकारें...
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सही कहा है ... बहुत कुछ होता है तभी आग लगती है ..
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति .......
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
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