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गुरुवार, 18 अक्तूबर 2018

३२९. रावण की सेल्फ़ी


हर बार जाता हूँ 
रावण का फोटो खींचने 
मैं दशहरे के मेले में,
पर रावण है 
कि बच जाता है 
अच्छे-से-अच्छे कैमरे से. 

सालों बाद समझ पाया हूँ 
कि रावण का फोटो लेना हो,
तो कैमरा अपनी ओर करना पड़ता है,
सेल्फ़ी लेना पड़ता है.

4 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (20-10-2018) को "मैं तो प्रयागराज नाम के साथ हूँ" (चर्चा अंक-3123) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. बहुत गहरी बात ... सहज ही कह दी ...
    लाजवाब ....

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  3. कितनी सटीक बात कही है आपने। पर मज़े की बात ये है, कि राम का फोटो लेना हो, तो भी camera अपनी ही ओर करना होता है।

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