कल एक कविता ख्यालों में आई,
मैं पकड़ पाता हाथ बढ़ाकर
इससे पहले गायब हो गई.
बहुत परेशान हूँ मैं,
कैसे रपट लिखाऊं,
कैसे इश्तेहार छपवाऊँ,
गुमशुदा अपनी कविता को
कैसे लौटाकर लाऊँ?
कोई शक्ल-सूरत हो
तो उसे खोजा भी जाए,
जो कागज़ पर उतरने से पहले ही
गायब हो गई हो,
उस कविता को कैसे ढूँढा जाए?
मैं पकड़ पाता हाथ बढ़ाकर
इससे पहले गायब हो गई.
बहुत परेशान हूँ मैं,
कैसे रपट लिखाऊं,
कैसे इश्तेहार छपवाऊँ,
गुमशुदा अपनी कविता को
कैसे लौटाकर लाऊँ?
कोई शक्ल-सूरत हो
तो उसे खोजा भी जाए,
जो कागज़ पर उतरने से पहले ही
गायब हो गई हो,
उस कविता को कैसे ढूँढा जाए?