मैं तुमसे बस इतना चाहता हूँ
कि तुम हमेशा ख़ुश रहो,
तुम्हारी ख़ुशी आधी-अधूरी नहीं,
पूरी हो, भरपूर हो,
जैसी किसी माँ के चेहरे पर
तब दिखाई पड़ती है,
जब डॉक्टर उससे कहता है
कि उसका मरणासन्न बच्चा
अब ख़तरे से बाहर है.
कि तुम हमेशा ख़ुश रहो,
तुम्हारी ख़ुशी आधी-अधूरी नहीं,
पूरी हो, भरपूर हो,
जैसी किसी माँ के चेहरे पर
तब दिखाई पड़ती है,
जब डॉक्टर उससे कहता है
कि उसका मरणासन्न बच्चा
अब ख़तरे से बाहर है.
बेहतरीन सृजन आदरणीय
जवाब देंहटाएंसादर
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (03-08-2019) को "बप्पा इस बार" (चर्चा अंक- 3447) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
श्री गणेश चतुर्थी की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत ही सुन्दर पंक्तियां
जवाब देंहटाएंइससे ज़्यादा कोई क्या चाह सकता है किसी के लिए.
जवाब देंहटाएंसबसे अलग ख़याल.
सुंदर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंउम्दा लिखावट ऐसी लाइने बहुत कम पढने के लिए मिलती है धन्यवाद् Aadharseloan (आप सभी के लिए बेहतरीन आर्टिकल संग्रह जिसकी मदद से ले सकते है आप घर बैठे लोन) Aadharseloan
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