वह आदमी,
जो फुटपाथ पर सोया है,
सोने दो उसे,
तंग मत करो.
नींद में उसे पता नहीं
कि नर्म बिस्तर पर नहीं है वह,
गाड़ियों का शोर-शराबा
उसे छू भी नहीं रहा,
याद नहीं उसे वे दर्द,
जो उसने सहे हैं.
सपने,जो वह देख रहा है,
जागते में नहीं देख सकता,
उसके होंठों पर अभी
एक दुर्लभ-सी मुस्कान है,
अपने सबसे हसीन पल
अभी जी रहा है वह.
सोने दो उसे,
बेवज़ह तंग मत करो,
इस समय उसे नींद से जगाना
एक ऐसा अपराध होगा,
जिसे माफ़ करना मुश्किल होगा.
जो फुटपाथ पर सोया है,
सोने दो उसे,
तंग मत करो.
नींद में उसे पता नहीं
कि नर्म बिस्तर पर नहीं है वह,
गाड़ियों का शोर-शराबा
उसे छू भी नहीं रहा,
याद नहीं उसे वे दर्द,
जो उसने सहे हैं.
सपने,जो वह देख रहा है,
जागते में नहीं देख सकता,
उसके होंठों पर अभी
एक दुर्लभ-सी मुस्कान है,
अपने सबसे हसीन पल
अभी जी रहा है वह.
सोने दो उसे,
बेवज़ह तंग मत करो,
इस समय उसे नींद से जगाना
एक ऐसा अपराध होगा,
जिसे माफ़ करना मुश्किल होगा.
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा रविवार (29-09-2019) को "नाज़ुक कलाई मोड़ ना" (चर्चा अंक- 3473) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी
बहुत सुंदर और सार्थक कविता।
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
iwillrocknow.com
बहुत गहन और मर्म स्पर्शी रचना भाव झकझोर थे हैं अंदर तक, सार्थक सृजन।
जवाब देंहटाएंवाह क्या सुंदर लिखावट है सुंदर मैं अभी इस ब्लॉग को Bookmark कर रहा हूँ ,ताकि आगे भी आपकी कविता पढता रहूँ ,धन्यवाद आपका !!
जवाब देंहटाएंAppsguruji (आप सभी के लिए बेहतरीन आर्टिकल संग्रह) Navin Bhardwaj
उम्दा लिखावट ऐसी लाइने बहुत कम पढने के लिए मिलती है धन्यवाद् Aadharseloan (आप सभी के लिए बेहतरीन आर्टिकल संग्रह जिसकी मदद से ले सकते है आप घर बैठे लोन) Aadharseloan
जवाब देंहटाएं