सीधे-सपाट रास्तों पर चलना
मुझे अच्छा नहीं लगता,
ऊबड़-खाबड़, टेढ़े-मेढ़े रास्तों पर
चलने का मज़ा ही कुछ और है.
ऐसे रास्तों पर चलकर लगता है
कि चलना हो रहा है,
सपाट रास्तों पर तो लगता है
कि रास्ता कहीं है और हम कहीं और.
ऐसे रास्तों पर चलकर लगता है
कि हम चल ही नहीं रहे,
लगता है कि हम तो स्थिर हैं
और रास्ता है, जो चल रहा है.
सही है, कठिनाइयों से लड़कर जो विजय मिलती है उसका अपना अलग आनंद होता है। बहुत सुन्दर रचना ....
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर .......
जवाब देंहटाएंजी ये राहें जीवन की अबूझ पहेली ही तो हैं सुन्दर
जवाब देंहटाएंभ्रमर ५
बहुत सुंदर .
जवाब देंहटाएंबहुत सही कहा .... अनुपम भाव संयोजन
जवाब देंहटाएंरास्ते भी चलते हैं ... बहुत खूब .. भावपूर्ण ...
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति..
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