मेरी बाती जल गई है,
तेल चुक गया है,
लौ मद्धिम हो गई है,
फिर भी मुझमें आग है.
मुझे कमज़ोर मत समझना,
जब तुम मुझे मरा समझ लोगे,
मैं ठीक उसी वक़्त भभकूंगा
और खुद मरने से पहले,
तुम्हें भी खाक कर दूंगा.
तेल चुक गया है,
लौ मद्धिम हो गई है,
फिर भी मुझमें आग है.
मुझे कमज़ोर मत समझना,
जब तुम मुझे मरा समझ लोगे,
मैं ठीक उसी वक़्त भभकूंगा
और खुद मरने से पहले,
तुम्हें भी खाक कर दूंगा.
अनुपम...शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंभारतीय नववर्ष की हार्दिक मंगलकामनाओं के आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार 22-03-2015 को चर्चा मंच "करूँ तेरा आह्वान " (चर्चा - 1925) पर भी होगी!
जवाब देंहटाएंमैं आपके बलोग को बहुत पसंद करता है इसमें बहुत सारी जानकारियां है। मेरा भी कार्य कुछ इसी तरह का है और मैं Social work करता हूं। आप मेरी साईट को पढ़ने के लिए यहां पर Click करें-
जवाब देंहटाएंHerbal remedies
हार कर जीतना ही जीवन है. बधाई.
जवाब देंहटाएंआग्नि का जज्बा दीप का जज्बा काश इंसान का जज्बा भी बन जाए ...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब है रचना ...
सुन्दर शब्द रचना............ बधाई
जवाब देंहटाएंhttp://savanxxx.blogspot.in
बहुत खूब, मंगलकामनाएं आपको !!
जवाब देंहटाएंसुन्दर व सार्थक अभिव्यक्ति...मंगलकामनाएँ
जवाब देंहटाएंये जज्बा सब में कायम रहे।
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें।