top hindi blogs

शुक्रवार, 29 मार्च 2013

७४. चिड़िया से


चिड़िया, जब तुम आसमान में उड़ती हो,
तुम्हारे मन में क्या चल रहा होता है?

तुम मस्ती में उड़ी चली जाती हो,
या कि सोचती हो, कहीं बादलों में फंस न जाओ,
कि सूरज के ताप से झुलस न जाओ,
कि कहीं तुम्हारे पंख जवाब न दे दें?

तुम्हें उन चूज़ों की चिंता तो नहीं सताती,
जो घोंसले में तुम्हारा इंतज़ार कर रहे होते हैं,
कि उनके लिए दानों का इंतज़ाम होगा या नहीं,
कि कहीं तूफ़ान में घोंसला गिर तो नहीं जाएगा?

उड़ते समय तुम्हारे मन में डर तो नहीं होता
कि लौटने पर तुम्हारे बच्चे सलामत मिलेंगे या नहीं,
कि तुम खुद किसी बहेलिए के निशाने पर तो नहीं,
जो तुम्हारी ताक में कहीं छिपा बैठा हो?

उड़ते समय तुम्हारे मन में क्या चल रहा होता है,
चिड़िया, मौत से पहले भी क्या तुम मरती हो?

6 टिप्‍पणियां:

  1. मौत से पहले भी क्या तुम मरती हो?

    शायद ....!
    तूफ़ान तो सभी की ज़िन्दगी में आते हैं ....

    जवाब देंहटाएं
  2. उड़ते समय तुम्हारे मन में डर तो नहीं होता
    कि लौटने पर तुम्हारे बच्चे सलामत मिलेंगे या नहीं,
    कि तुम खुद किसी बहेलिए के निशाने पर तो नहीं,
    जो तुम्हारी ताक में कहीं छिपा बैठा हो?

    उड़ते समय तुम्हारे मन में क्या चल रहा होता है,
    चिड़िया, मौत से पहले भी क्या तुम मरती हो?

    mahatvpoorn prerna se pripoorn rachana ke liye badha Omkar ji ,

    जवाब देंहटाएं