तुम चुपके से निकलोगे,
तो ये उठ जाएंगे,
तुम्हें यातनाएं देंगे,
फिर से बंदी बना लेंगे।
तो ये उठ जाएंगे,
तुम्हें यातनाएं देंगे,
फिर से बंदी बना लेंगे।
मुक्त होना चाहते हो,
तो साहस करो,
ज़ोर की आवाज़ के साथ
तोड़ दो किवाड़,
निकल जाओ यहां से
सीना तान के,
पहरेदार सोने का
नाटक करते रहेंगे।
तो साहस करो,
ज़ोर की आवाज़ के साथ
तोड़ दो किवाड़,
निकल जाओ यहां से
सीना तान के,
पहरेदार सोने का
नाटक करते रहेंगे।
बंदी,
तुम्हारी मुक्ति का
यही एकमात्र उपाय है।
तुम्हारी मुक्ति का
यही एकमात्र उपाय है।
उम्दा।
जवाब देंहटाएंhttps://bulletinofblog.blogspot.com/2018/08/blog-post_4.html
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (06-08-2018) को "वन्दना स्वीकार कर लो शारदे माता हमारी" (चर्चा अंक-3054) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
राधा तिवारी
मुक्ति का यही एकमात्र उपाय कि गरज कर तोड़ डालने होंगे बंधनों के दरवाजे...वाह बहुत खूब
जवाब देंहटाएंVery nice post...
जवाब देंहटाएंMere new blog ki new post par aapka swagat hai.
Bahut khokb ...
जवाब देंहटाएंयही उपाय काम आने वाला है सभी को ...
जय मां हाटेशवरी...
जवाब देंहटाएंअनेक रचनाएं पढ़ी...
पर आप की रचना पसंद आयी...
हम चाहते हैं इसे अधिक से अधिक लोग पढ़ें...
इस लिये आप की रचना...
दिनांक 07/08/2018
को
पांच लिंकों का आनंद
पर लिंक की गयी है...
इस प्रस्तुति में आप भी सादर आमंत्रित है।
जय मां हाटेशवरी...
जवाब देंहटाएंअनेक रचनाएं पढ़ी...
पर आप की रचना पसंद आयी...
हम चाहते हैं इसे अधिक से अधिक लोग पढ़ें...
इस लिये आप की रचना...
दिनांक 07/08/2018
को
पांच लिंकों का आनंद
पर लिंक की गयी है...
इस प्रस्तुति में आप भी सादर आमंत्रित है।
आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' ०६ अगस्त २०१८ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
जवाब देंहटाएंटीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।
आवश्यक सूचना : रचनाएं लिंक करने का उद्देश्य रचनाकार की मौलिकता का हनन करना कदापि नहीं हैं बल्कि उसके ब्लॉग तक साहित्य प्रेमियों को निर्बाध पहुँचाना है ताकि उक्त लेखक और उसकी रचनाधर्मिता से पाठक स्वयं परिचित हो सके, यही हमारा प्रयास है। यह कोई व्यवसायिक कार्य नहीं है बल्कि साहित्य के प्रति हमारा समर्पण है। सादर 'एकलव्य'
बेहतरीन
जवाब देंहटाएंमुक्ति का उपाय है साहस.... सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंBilkul sahee!
जवाब देंहटाएंउम्दा लिखावट ऐसी लाइने बहुत कम पढने के लिए मिलती है धन्यवाद् Aadharseloan (आप सभी के लिए बेहतरीन आर्टिकल संग्रह जिसकी मदद से ले सकते है आप घर बैठे लोन) Aadharseloan
जवाब देंहटाएं