कभी कुछ कहना चाहो,
तो कह देना,
मैं बुरा नहीं मानूंगा,
अच्छा ही लगेगा मुझे.
कहाँ छुप पाता है कुछ अनकहा,
जो कोई कहना चाहता हो,
शब्दों में न सही,
आँखों में तो झलक ही जाता है.
आधा अधूरा व्यक्त हो,
अटकलों को जन्म दे,
ग़लतफ़हमियाँ फैलाए,
इससे तो अच्छा है
कि फूटकर बह निकले
मवाद की तरह,
किसी एक को तो चैन मिले.
किसी एक को तो चैन मिले
जवाब देंहटाएंवाह!!!!
वाह अतिशय सुंदर.
जवाब देंहटाएंपर लोग बुरा लगने के डर से कहते नहीं हैं अपने भीतर दबाए दबाए घुटते रहते हैं. बहुत जरूरी है गलतफहमियों को दूर करना.
चुपचाप घुटते रहने से अच्छा है एक बार दिल खोल कर कह देना
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति
बेहतरीन भावाभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (26-02-2018) को ) "धारण त्रिशूल कर दुर्गा बन" (चर्चा अंक-2893) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
राधा तिवारी
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (19-02-2018) को <a
href="http://charchamanch
सही कहा है ... किसी को तो मिले चैन ...
जवाब देंहटाएंआदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' २६ फरवरी २०१८ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
जवाब देंहटाएंटीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।
निमंत्रण
विशेष : 'सोमवार' २६ फरवरी २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच अपने सोमवारीय साप्ताहिक अंक में आदरणीय माड़भूषि रंगराज अयंगर जी से आपका परिचय करवाने जा रहा है।
अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य"
निमंत्रण
जवाब देंहटाएंविशेष : 'सोमवार' २६ फरवरी २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच अपने सोमवारीय साप्ताहिक अंक में आदरणीय माड़भूषि रंगराज अयंगर जी से आपका परिचय करवाने जा रहा है।
अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।
किसी एक को भी चैन कहाँ मिलेगा..जब पढ़ ही लिया आँखों में तो और क्या जानना है..जब दूसरे के दर्द को समझ ही लिया कि फूटकर बह सकता है..तो क्यों उसे और सताना..
जवाब देंहटाएंबातें कह देने से सारी गलतफहमियां दूर हो जाये यही सही है...बस तरीका सही होना चाहिए...
जवाब देंहटाएंसरल सजह रचना के माध्यम से एक बहुत ही अच्छी बात कही आपने..
बहुत बढ़ियाँ......