दियों की रोशनी कुछ कम है इस बार,
तेल तो उतना ही है,
बाती भी वैसी ही है,
हवाएं भी नहीं हैं उपद्रवी,
फिर भी कम है रोशनी.
कहीं ऐसा तो नहीं
कि रोशनी उतनी ही है,
पर आँखें कमज़ोर हो गई हैं
या यह भी हो सकता है
कि आँखें कमज़ोर नहीं हुईं,
मन में ही कुछ फ़र्क आ गया है.
इस बार की दिवाली में
सब कुछ पहले जैसा है,
कुछ भी नहीं बदला है,
पर दियों की रोशनी कुछ कम है.
मुझे लगता है
कि इस बार की दिवाली में
दृष्टि परिवर्तन की ज़रूरत है.
सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंदीपावली की शुभकामनाएं ।
दीपोत्सव की शुभकामनाएं !!!
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन टीम और मेरी ओर से आप सभी को छोटी दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं|
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "छोटी दिवाली पर देश की मातृ शक्ति को बड़ा नमन“ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
दीपावली की शुभकामनाएं..
जवाब देंहटाएंबहुत खूब लिखा है ... परिवर्तन हर चीज में जरूरी है ...
जवाब देंहटाएंदीपावली की शुभकामनाएं .
जवाब देंहटाएंउम्दा लिखावट ऐसी लाइने बहुत कम पढने के लिए मिलती है धन्यवाद् Aadharseloan (आप सभी के लिए बेहतरीन आर्टिकल संग्रह जिसकी मदद से ले सकते है आप घर बैठे लोन) Aadharseloan
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