१९०. आनेवाली दिवाली
आनेवाली है दिवाली,
जलेंगे दिए,
बनेंगे पकवान,
सजेगी रंगोली.
दिए भले कम हों,
पर ज़्यादा घरों में जलें,
पकवान भले कम बनें,
पर ज़्यादा होंठों तक पहुंचे,
रंगोली के रंग भले कम हों,
पर ज़्यादा आंगनों में सजें।
इस बार की दिवाली
चमकीली भले कुछ कम हो,
पर उसकी रोशनी का दायरा
पिछली बार से थोड़ा बड़ा हो.
बहुत सुंदर कल्पना ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर .
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट : पृष्ठ अतीत की
क्या बात है !.....बेहद खूबसूरत रचना....
जवाब देंहटाएंआप को दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं...
नयी पोस्ट@आओ देखें मुहब्बत का सपना(एक प्यार भरा नगमा)
नयी पोस्ट@धीरे-धीरे से
बहुत ही सुंदर रचना। आपको भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआपको दीप पर्व की सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें!
दीप पर्व की शुभकामनाएँ। सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंदीप पर्व मुबारक !!
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति
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