वह जो कोने में
गुमसुम सी लड़की बैठी है,
बहुत सहा है उसने,
बहुत लोगों ने तोड़ा है
भरोसा उसका,
फ़ायदा उठाया है हर तरह से.
अब कुछ नहीं बोलती
वह लड़की,
उसे नहीं लगता
कि कोई सुननेवाला है,
हालाँकि कहने को
बहुत कुछ है उसके पास.
अब वह लड़की
प्रतिरोध नहीं करती,
ताक़त ही नहीं है उसमें,
जब भी प्रतिरोध किया,
बेरहमी से कुचला गया उसे.
अब वह लड़की रोती नहीं,
आंसू सूख गए हैं उसके,
पूरी ज़िन्दगी का रोना
थोड़े समय में ही रो लिया है उसने,
अब पत्थर हो गई है वह लड़की.
कभी भूले-भटके
कोई हमदर्द मिल जाय,
जो लड़की के दिल को छू ले,
तो एक आंसू छलक आता है
उसके पलकों की कोर पर.
यह महज़ एक बूँद नहीं है,
लड़की अपने अन्दर
जिस असीमित वेदना को
छिपाए हुए है,
यह आंसू उसका एसेंस है.
गुमसुम सी लड़की बैठी है,
बहुत सहा है उसने,
बहुत लोगों ने तोड़ा है
भरोसा उसका,
फ़ायदा उठाया है हर तरह से.
अब कुछ नहीं बोलती
वह लड़की,
उसे नहीं लगता
कि कोई सुननेवाला है,
हालाँकि कहने को
बहुत कुछ है उसके पास.
अब वह लड़की
प्रतिरोध नहीं करती,
ताक़त ही नहीं है उसमें,
जब भी प्रतिरोध किया,
बेरहमी से कुचला गया उसे.
अब वह लड़की रोती नहीं,
आंसू सूख गए हैं उसके,
पूरी ज़िन्दगी का रोना
थोड़े समय में ही रो लिया है उसने,
अब पत्थर हो गई है वह लड़की.
कभी भूले-भटके
कोई हमदर्द मिल जाय,
जो लड़की के दिल को छू ले,
तो एक आंसू छलक आता है
उसके पलकों की कोर पर.
यह महज़ एक बूँद नहीं है,
लड़की अपने अन्दर
जिस असीमित वेदना को
छिपाए हुए है,
यह आंसू उसका एसेंस है.
आपकी लिखी ये रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 15 जुलाई 2018
जवाब देंहटाएंको साझा की गई है...............http://halchalwith5links.blogspot.com पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (16-07-2018) को "बच्चों का मन होता सच्चा" (चर्चा अंक-3034) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
राधा तिवारी
वाह!!
जवाब देंहटाएंये सिर्फ कतरा नही है अश्क का सत्व है अंतर के दर्द का।
मार्मिक भाव लिये बहुत अच्छी रछना ओंकार जी।
जवाब देंहटाएंआदरणीय ओंकार जी -- सादर आभार पञ्च लिंकों का इतनी संवेदनशील रचना पढवाने के लिए | लडकी के अंतस की वेदना को इतनी आसानी से कोई कहाँ जान पाताहै |एक कहानी छिपी है इस रचना में बहुत ही गहराई लिये जिसे आपने बखूबी लिखा है | इस काव्य - कथ्य के लिए सादर शुभकामनायें |
जवाब देंहटाएंएसेंस की
जवाब देंहटाएंभीनी-भीनी खुशबू
बहुत दिनों तक
साथ रहेगी.
पर क्या
याद रहेगी
यह बात,
अगर वो लड़की
फिर कहीं मिलेगी ?
बहुत अच्छा लगा पढ़ कर.
उस लड़की की वेदना कम हो. यह प्रार्थना है, ओंकारजी.
समुन्दर है ये आँसू अगर बह निकला तो सब को ले जाएगा बह कर
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंमार्मिक !! आभार आपका