मैं नहीं मानता
कि क़ानून अँधा होता है.
क़ानून बनानेवाले जानते हैं
कि किसके लिए
कैसा क़ानून बनाना है,
लागू करनेवाले जानते हैं
कि किसके मामले में
कैसे लागू करना है,
व्याख्या करनेवाले जानते हैं
कि किस व्यक्ति के लिए
क़ानून का क्या अर्थ होता है.
जिसे क़ानून की ज़रूरत
सबसे ज़्यादा होती है,
बस वही नहीं जानता
कि क़ानून क्या होता है,
उसे लागू कौन करता है,
कैसे करता है,
कि उसकी व्याख्या भी होती है.
क़ानून अँधा नहीं होता,
दरअसल जिसे क़ानून की
सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है,
वह अँधा होता है.
कि क़ानून अँधा होता है.
क़ानून बनानेवाले जानते हैं
कि किसके लिए
कैसा क़ानून बनाना है,
लागू करनेवाले जानते हैं
कि किसके मामले में
कैसे लागू करना है,
व्याख्या करनेवाले जानते हैं
कि किस व्यक्ति के लिए
क़ानून का क्या अर्थ होता है.
जिसे क़ानून की ज़रूरत
सबसे ज़्यादा होती है,
बस वही नहीं जानता
कि क़ानून क्या होता है,
उसे लागू कौन करता है,
कैसे करता है,
कि उसकी व्याख्या भी होती है.
क़ानून अँधा नहीं होता,
दरअसल जिसे क़ानून की
सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है,
वह अँधा होता है.
जय मां हाटेशवरी....
जवाब देंहटाएंआप ने लिखा...
कुठ लोगों ने ही पढ़ा...
हमारा प्रयास है कि इसे सभी पढ़े...
इस लिये आप की ये खूबसूरत रचना....
दिनांक 27/12/2015 को रचना के महत्वपूर्ण अंश के साथ....
पांच लिंकों का आनंद
पर लिंक की जा रही है...
इस हलचल में आप भी सादर आमंत्रित हैं...
टिप्पणियों के माध्यम से आप के सुझावों का स्वागत है....
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
कुलदीप ठाकुर...
समसामयिक और विचारणीय अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंसही कहा.
जवाब देंहटाएंबेहद प्रभावशाली सोच......बहुत बहुत बधाई.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंआपको सपरिवार नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं!
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंउम्दा लिखावट ऐसी लाइने बहुत कम पढने के लिए मिलती है धन्यवाद् आधार से लिजिये लोन घर बैठे
जवाब देंहटाएंउम्दा लिखावट ऐसी लाइने बहुत कम पढने के लिए मिलती है धन्यवाद् Aadharseloan (आप सभी के लिए बेहतरीन आर्टिकल संग्रह जिसकी मदद से ले सकते है आप घर बैठे लोन) Aadharseloan
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