दियों की रौशनी कुछ मद्धिम सी है,
रंगोली के रंग कुछ फ़ीके से हैं,
मिठाईयों में मिठास कुछ कम सी है,
नमकीन में नमक कुछ ज़्यादा सा है.
इस बार कुछ भी नहीं है संतुलन में,
कहीं कुछ कम है, तो कहीं कुछ ज़्यादा,
यहाँ तक कि पटाखों में भी इस बार
ध्वनि-प्रदूषण कुछ ज़्यादा सा है.
उदास-उदास सी है इस बार की दिवाली,
तुम आओ, तो दिवाली ज़रा मुस्कराए.
रंगोली के रंग कुछ फ़ीके से हैं,
मिठाईयों में मिठास कुछ कम सी है,
नमकीन में नमक कुछ ज़्यादा सा है.
इस बार कुछ भी नहीं है संतुलन में,
कहीं कुछ कम है, तो कहीं कुछ ज़्यादा,
यहाँ तक कि पटाखों में भी इस बार
ध्वनि-प्रदूषण कुछ ज़्यादा सा है.
उदास-उदास सी है इस बार की दिवाली,
तुम आओ, तो दिवाली ज़रा मुस्कराए.
हालात का सही चित्रण
जवाब देंहटाएंदीप पर्व शुभ हो । सुंदर रचना ।
जवाब देंहटाएंउनका आना तो अपने आप में दिवाली है ...
जवाब देंहटाएंबहुत लाजवाब शब्द ... दीपावली की हार्दिक बधाई ...
बहुत ही सुन्दर रचना, आभार।
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