इतनी जल्दी भी क्या है?
एक आखिरी मेल लिख लूं,
बस एक ट्वीट कर लूं,
ब्लॉग पर पोस्ट कर लूं,
फ़ेसबुक खोल लूं,
स्टेटस अपडेट कर लूं,
तो फिर चलूँ.
यह सब हो जाय,
फिर भी मोहलत मिल जाय,
तो वह भी कर लूं,
जो कभी कर नहीं पाया,
जिसके लिए कभी
वक्त ही नहीं मिला.
थोड़ा समय और मिल जाय,
तो एक नेक काम कर लूं,
बस फिर चलूँ.
एक आखिरी मेल लिख लूं,
बस एक ट्वीट कर लूं,
ब्लॉग पर पोस्ट कर लूं,
फ़ेसबुक खोल लूं,
स्टेटस अपडेट कर लूं,
तो फिर चलूँ.
यह सब हो जाय,
फिर भी मोहलत मिल जाय,
तो वह भी कर लूं,
जो कभी कर नहीं पाया,
जिसके लिए कभी
वक्त ही नहीं मिला.
थोड़ा समय और मिल जाय,
तो एक नेक काम कर लूं,
बस फिर चलूँ.
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 2-10-2014 को चर्चा मंच पर चर्चा तुगलकी फरमान { चर्चा - 1754 } में दिया गया है
जवाब देंहटाएंआभार
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं--
अष्टमी-नवमी और गाऩ्धी-लालबहादुर जयन्ती की हार्दिक शुभकामनाएँ।
--
दिनांक 18-19 अक्टूबर को खटीमा (उत्तराखण्ड) में बाल साहित्य संस्थान द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय बाल साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
जिसमें एक सत्र बाल साहित्य लिखने वाले ब्लॉगर्स का रखा गया है।
हिन्दी में बाल साहित्य का सृजन करने वाले इसमें प्रतिभाग करने के लिए 10 ब्लॉगर्स को आमन्त्रित करने की जिम्मेदारी मुझे सौंपी गयी है।
कृपया मेरे ई-मेल
roopchandrashastri@gmail.com
पर अपने आने की स्वीकृति से अनुग्रहीत करने की कृपा करें।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
सम्पर्क- 07417619828, 9997996437
कृपया सहायता करें।
बाल साहित्य के ब्लॉगरों के नाम-पते मुझे बताने में।
बहुत बढ़िया ! दिल से लिखी है !
जवाब देंहटाएंवाह ...बेहतरीन
जवाब देंहटाएंथोड़ा समय और मिल जाय,
जवाब देंहटाएंतो एक नेक काम कर लूं,
बस फिर चलूँ.
...
नेक काम करने में देरी नहीं करनी चाहिए ..
बहुत खूब!
ओह ,
जवाब देंहटाएंयह भी रह गया !!
मंगलकामनाएं आपको !! :)
बढ़िया है।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब!
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