सुनो, मुझे तुमसे कुछ कहना है,
हँसना नहीं,
बस ध्यान से सुनना,
कभी भी, कहीं भी,
किसी कमज़ोर क्षण में भी
यह मत कहना
कि तुम्हें मुझसे प्यार है.
अच्छा है
कि तुम्हारे प्यार का एहसास
मुझे अपने आप हो.
कहीं ऐसा न हो
कि तुम कह दो,
तुम्हें मुझसे प्यार है
और मुझे कुछ महसूस ही न हो.
लोग जो कहते हैं,
ज़रुरी नहीं
कि सच ही हो.
हो सकता है,
उन्हें पता हो
कि जो वे कह रहे हैं,
दिल रखने के लिए कह रहे हैं.
यह भी हो सकता है,
उन्हें लगता हो
कि जो वे कह रहे हैं,
वह सच है,
पर वास्तव में वह सच न हो.
इसलिए कहता हूँ,
कभी बहुत दिल करे
तो भी मत कहना
कि तुम्हें मुझसे प्यार है.
मेरे लिए इतना बहुत है
कि बिना कुछ कहे-सुने
तुम मुझे महसूस करा दो
कि तुम्हें मुझसे प्यार है.
हँसना नहीं,
बस ध्यान से सुनना,
कभी भी, कहीं भी,
किसी कमज़ोर क्षण में भी
यह मत कहना
कि तुम्हें मुझसे प्यार है.
अच्छा है
कि तुम्हारे प्यार का एहसास
मुझे अपने आप हो.
कहीं ऐसा न हो
कि तुम कह दो,
तुम्हें मुझसे प्यार है
और मुझे कुछ महसूस ही न हो.
लोग जो कहते हैं,
ज़रुरी नहीं
कि सच ही हो.
हो सकता है,
उन्हें पता हो
कि जो वे कह रहे हैं,
दिल रखने के लिए कह रहे हैं.
यह भी हो सकता है,
उन्हें लगता हो
कि जो वे कह रहे हैं,
वह सच है,
पर वास्तव में वह सच न हो.
इसलिए कहता हूँ,
कभी बहुत दिल करे
तो भी मत कहना
कि तुम्हें मुझसे प्यार है.
मेरे लिए इतना बहुत है
कि बिना कुछ कहे-सुने
तुम मुझे महसूस करा दो
कि तुम्हें मुझसे प्यार है.
सुन्दर अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट काम अधुरा है
जवाब देंहटाएंप्यार के लिये भाव चाहिये,
सही कहा,प्यार का अहसास करना
ही काफी है.
क्या बात है...
जवाब देंहटाएंwaah.,,,bawaal likha hai sir aapne..
जवाब देंहटाएंमहसूस कराना ही जरूरी है प्यार में कहने न कहने से कुछ नहीं होता ...
जवाब देंहटाएंभाव भरी रचना ...
मेरे लिए इतना बहुत है
जवाब देंहटाएंकि बिना कुछ कहे-सुने
तुम मुझे महसूस करा दो
कि तुम्हें मुझसे प्यार है. nice lines
वाह!
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