मेरा पासवर्ड मेरी कविता की तरह है,
मैं नहीं जानता उसका अर्थ,
न ही वह मुझे याद रहता है।
मेरे पासवर्ड में न लय है,
न कोई मीटर,
मैं तो यह भी नहीं जानता
कि उसकी भाषा क्या है,
भाषा है भी या नहीं।
फिर भी मैं जानता हूँ
कि मेरे पासवर्ड में
कुछ खोज ही लेंगे लोग,
जैसे मेरे लिखे में
कविता ढूँढ़ लेते हैं
मेरे पाठक।
बहुत सुन्दर कविता ।
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में सोमवार 28 जुलाई 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंआहा क्या कविता कह दी ...
जवाब देंहटाएंसुंदर ।
जवाब देंहटाएंaapke likhe mein kavita bhi hoti hai, aur Darshan bhi. :)
जवाब देंहटाएंबेहतरीन, वैसे भी कुछ ना कुछ ढूंढ ही लेते है लोग दुसरों मे और दुसरों के pasword मे 😍
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंजैसे मेरे लिखे में
जवाब देंहटाएंकविता ढूँढ़ लेते हैं
मेरे पाठक।
वाह!!!
पासवर्ड में कविता ! कविता मे पासवर्ड !
कुछ खास है तभी तो हैं आपके पास पाठक ...फिर कविता तौ होनी ही है...