बड़ा प्रेम था उसे संगीत से,
उसने सुन रखा था
सात सुरों के बारे में,
पर उसने जाना
कि सुर और भी होते हैं,
जब उसने पहली बार सुनी
अपने बच्चे की किलकारी।
बड़ा प्रेम था उसे संगीत से,
उसने सुन रखा था
सात सुरों के बारे में,
पर उसने जाना
कि सुर और भी होते हैं,
जब उसने पहली बार सुनी
अपने बच्चे की किलकारी।
धूल मेरे चेहरे पर नहीं,
दिमाग़ पर है।
कोई ऐसी झाड़ू नहीं,
जो झाड़ दे उसे,
कोई ऐसा पोंछा नहीं,
जो पोंछ दे उसे,
पानी उसे धो नहीं सकता,
हवा उसे उड़ा नहीं सकती।
जो धूल मुझमें है,
मुझे ही साफ करनी है,
वह जहाँ है,
कोई पहुँच नहीं सकता
मेरे सिवा,
पर मैं जानता हूँ
कि पहुँच गया,
तो उसे हटा भी दूँगा।
कोई धूल कितनी भी
ज़िद्दी क्यों न हो,
टिक नहीं सकती वह
संकल्प के सामने।
जो लोग कहते हैं
कि सारे युद्ध औरतों के कारण हुए,
वे अपराधी हैं मानव जाति के,
जिन्होंने रचा है ऐसा इतिहास,
वे अपराधी हैं झूठ बोलने के।
औरतों ने नहीं कराए युद्ध,
युद्ध कराए हैं पुरुषों की वासना ने,
उनकी महत्वाकांक्षा ने,
युद्ध कराए हैं उनकी क्रूरता ने।
औरतों ने तो बस बलिदान दिया है,
हर युद्ध के अंत में उन्हें मिली है
मौत या मौत से बदतर ज़िंदगी,
युद्ध की बिसात पर मोहरा बनी हैं वे।
कोई औरत से सीखता, तो सीखता प्रेम,
त्याग, करुणा, दूसरों के लिए जीना,
दूर नहीं, आसपास देख लो,
तुम्हें समझ में आ जाएगा
कि औरत नहीं करा सकती युद्ध,
उसके बारे में इतिहास ने फैलाया है
केवल भ्रम और झूठ।