शनिवार, 31 दिसंबर 2011

१६.साल का आखिरी दिन 


आखिरी बार निकला है सूरज इस साल,
कोहरे से ढका,ठण्ड से ठिठुरता,
कमज़ोर, उदास, थका-थका सा.


देर तक सोचा सुबह-सुबह 
कि निकले या नहीं,
फिर निकल ही आया आखिर
अपनी सारी ताक़त जुटाकर;
कैसे छोड़ देता पुराने साल को
उसके आखिरी दिन अकेला?


बहुत बुरे दिन देखे सूरज ने इस साल,
कभी दोपहर में अंधेरा छा गया,
कभी बादलों ने धावा बोल दिया,
कभी धूल के गुबारों ने जकड़ लिया उसे
अपनी सख्त खुरदरी मुट्ठी में.


पर कैसे भुला दे सूरज वे दिन
जब वह आसमां में चमका था
पूरी आभा और ताक़त के साथ,
जब अँधेरा, बादल, कोहरा -
सब परास्त हुए थे उससे.


उन चंद दिनों के लिए ही सही
सूरज को चमकना होगा आज,
कृतघ्न नहीं, न ही स्वार्थी है वह ,
नहीं छोड़ेगा वह साथ पुराने साल का
उसके आखिरी दिन.

शनिवार, 24 दिसंबर 2011

१५.नया साल 


दस्तक दे रहा है नया साल,
मस्ती छाई है चारों ओर,
न ठण्ड की परवाह, न कोहरे की,
क्या हुआ जो सूरज नहीं निकला 
अपना लिहाफ छोड़कर.


नई उम्मीदें,नए सपने,नया संकल्प,
जाते साल के अँधेरे से निकलकर
नई किरण की ओर बढ़ने को 
बेताब कदम...


छूट जाएँगी पीछे 
साल भर की विफलताएं,
रिश्ते खिल उठेंगे नए रंगों से,
भाग खड़े होंगे दुःख दुम दबाकर,
खुशियों भरा होगा नया साल.


ऐसे ही आता है हर नया साल,
झूठे दिलासों के साथ,
फिर पुराना हो जाता है,
हम बस इंतज़ार करते हैं
उसके जाने और नए के आने का.

शनिवार, 17 दिसंबर 2011

१४.बच्चे

बहुत पसंद हैं मुझे बच्चे,
खिलौनों जैसे,
हर समय मुस्करानेवाले,
तुतलाकर बोलनेवाले,
लड़खड़ाकर चलनेवाले-
खूब मनोरंजन करते हैं.

डांट दो तो चुप,
पीट दो तो रो देते हैं,
नहीं करते सवाल-जवाब,
जैसा कहो, कर देते हैं,
जहाँ कहो, चल देते हैं.

न कोई बड़ी मांग,
न बड़ी ज़रूरत,
सस्ते में निपट जाते हैं ऐसे बच्चे.

बड़े बच्चे परेशान करते हैं,
जो कहो उसका उल्टा,
न डांट का असर, न मार का,
अपना दिमाग होता है उनका,
अपनी मर्ज़ी से जाते हैं कहीं भी,
वही करते हैं जो चाहते हैं.

मुझे बिल्कुल पसंद नहीं
ऐसे स्वतंत्र दिमाग वाले बच्चे.

शुक्रवार, 9 दिसंबर 2011

१३. टिप्पणी

पल-पल सोचकर,
रात-रात जागकर,
शब्द-शब्द जोड़ा,
मैंने भावों को पिरोया.

लिखा-काटा, काटा-लिखा,
पन्ने भरे, दवातें खाली कीं,
बड़े जतन से, बड़ी लगन से,
दिनोंदिन संवारा,
तब जाकर तैयार हुईं
चंद कविताएँ.

उसने ध्यान से पढ़ा,
कुछ सोचा और कहा,
'तुम अच्छे कवि होते,
अगर मेहनती होते.'