वह जब थी,
तो पता ही नहीं था
कि वह थी।
वह बताती भी थी,
तो कोई समझता नहीं था
अब जब वह नहीं है,
तो पता चला है
कि वह थी,
पर उसे कभी पता नहीं चलेगा
कि हमें पता चल गया है
मार्मिक,कम शब्दों में संपूर्ण सार।सुंदर अभिव्यक्ति।सादर।------जी नमस्ते,आपकी लिखी रचना शुक्रवार १२ दिसंबर २०२५ के लिए साझा की गयी हैपांच लिंकों का आनंद पर...आप भी सादर आमंत्रित हैं।सादरधन्यवाद।
अद्भुत एहसास Wahh
सुंदर
मार्मिक,कम शब्दों में संपूर्ण सार।
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति।
सादर।
------
जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार १२ दिसंबर २०२५ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
अद्भुत एहसास
जवाब देंहटाएंWahh
सुंदर
जवाब देंहटाएं