बुधवार, 3 जनवरी 2024

७५०.आख़िरी समय

 


इतनी जल्दी भी क्या है?

एक मेल भेज दूँ,

एक ट्वीट कर लूँ,

एक पोस्ट लिख लूँ,

स्टेटस अपडेट कर लूँ,

तो चलूँ. 


यह सब कर लूँ,

फिर भी मोहलत मिल जाय,

तो कुछ ऐसा भी कर लूँ,

जो कभी कर नहीं पाया. 


थोड़ा और समय मिल जाय,

तो एक नेक काम कर लूँ,

बस फिर चलूँ. 



8 टिप्‍पणियां:

  1. भावपूर्ण रचना सर।
    सादर।
    -----
    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार ५ जनवरी २०२४ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  2. भावपूर्ण रचना सर।
    सादर।
    -----
    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार ५ जनवरी २०२४ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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  3. भावपूर्ण भावाभिव्यक्ति ।

    जवाब देंहटाएं
  4. आज की विसंगति से भरी सोच।
    सटीक यथार्थ।

    जवाब देंहटाएं
  5. ख़ास मनोचिंतन। सच्ची रचना।
    नव वर्ष मंगलमय हो।

    जवाब देंहटाएं
  6. सुंदर प्रस्तुति, नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं