शुक्रवार, 27 मई 2022

६५१. फ़ुर्सत



रिटायरमेंट की अगली सुबह 

मैं अच्छे मूड में था,

अख़बार खोल रखा था,

इत्मीनान से पढ़ रहा था,

बीच-बीच में गर्म चाय की 

चुस्कियाँ भी चल रही थीं. 


सोचा,बेटी,जो बड़ी हो गई थी,

उससे ख़ूब बातें करूंगा,

सालों बाद फ़ुर्सत मिली थी,

सालों की क़सर पूरी करूंगा. 


अचानक वह अंदर से आई 

और सर्र से निकल गई,

अब जब मेरे पास फ़ुर्सत थी,

उसके पास वक़्त नहीं था. 


(photo: courtesy Pixabay)

मंगलवार, 10 मई 2022

६५०.बहन

 


पिता की मौत के अरसे बाद 

मायके आना हुआ बहन का,

किसी ने उसे बुलाया ही नहीं 

कि कहीं हिस्सा न मांग ले. 


अपने साथ लेकर आई 

कपड़े,चॉकलेट, मिठाई, मेवे

और न जाने क्या-क्या,

हंस-हंस कर बांटती रही 

सुबह से शाम तक सब में. 


अगली सुबह लौट गई,

बिन बुलाई मेहमान जो थी,

गाड़ी में चढ़ते समय बोली,

इतना मत डरो मुझसे,

नहीं चाहिए मुझे कोई हिस्सा,

हाँ, कभी कोई ज़रूरत हो,

तो मुझे बता देना,

याद रखना,

तुम्हारी बहन हूँ मैं,

मुझे पराया मत समझना.


शुक्रवार, 6 मई 2022

६४९.पंक्चर



मेरी साइकिल की 

नई-नई ट्यूब में 

पंक्चर क्या हुआ,

सब मान बैठे 

कि ट्यूब कमज़ोर है. 


कभी-कभी ट्यूब 

बहुत मज़बूत होती है,

पर घुस जाती है उसमें 

कोई नुकीली चीज़ अचानक. 


कभी-कभी जानबूझकर भी 

घुसा दी जाती है 

ट्यूब में कोई कील

या निकाल दी जाती है हवा 

ताकि वह चल न सके. 


हमेशा यह मानना 

सही नहीं होता 

कि पंक्चर होने का कारण 

कमज़ोर होना ही होता है.