शुक्रवार, 21 मई 2021

५६९. कोरोना में इतवार

 




इतवार आ गया?

कब आया,

पता ही नहीं चला,

दूसरे दिनों जैसा ही है 

इतवार का दिन भी. 


घरों में बंद,

सूनी गली की ओर 

खिड़कियों से झाँकते 

या टी.वी. पर कोई 

देखा हुआ सीरियल 

फिर से देखते. 


कोई सिनेमा-हॉल,

कोई पिकनिक,

कोई बाज़ार,

कोई घुमक्कड़ी-

कुछ भी नहीं,

जैसे आया है,

वैसे ही चुपचाप 

चला जाएगा इतवार. 


एक से हो गए हैं 

अब सप्ताह के सारे दिन,

कोरोना ने छीन लिया है 

इतवार से उसका ताज.


8 टिप्‍पणियां:

  1. हा सर आजकल तो हर दिन ही इतवार हैं क्योंकि लाखो बीमार है।

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  2. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 23 मई 2021 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  3. घर पर रहते सच ही याद नहीं रहता कि कौन सा दिन है ।
    वैसे सेवानिवृत्ति के बाद से ही हमारे लिए तो इतवार बिना ताज का हो गया था ।
    खूबसूरत रचना

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  4. सही कहा आपने ,पता। ही नहीं चलता इतवार का ,न कहीं आना ना जाना ।

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  5. सच कहा आपने ।बहुत कुछ बदल गया है।

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  6. अब तो रोज ही इतवार है..। छुट्टी ही छुट्टी.....
    बहुत सटीक सुन्दर...।

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