शनिवार, 21 नवंबर 2020

५०६. कोरोना में दूरी



इन दिनों ज़रूरी है 

दूरी बनाए रखना,

थोड़ी नहीं,ज़्यादा.


इन दिनों ज़रूरी है 

किसी के गले न लगना,

किसी से हाथ न मिलाना, 

किसी के पास न जाना.


इन दिनों ज़रूरी है 

दिलों का क़रीब होना,

इतना कि ज़रा सा भी 

फ़ासला न रहे.


इन दिनों ज़रूरी है 

दूसरों के काम आना,

उनका दर्द महसूस करना 

और यह सब संभव है 

दो गज की दूरी रखकर भी.


11 टिप्‍पणियां:

  1. इन दिनों ज़रूरी है

    दूसरों के काम आना,

    उनका दर्द महसूस करना

    और यह सब संभव है

    दो गज की दूरी रखकर भी...बिल्कुल सही कहा है आपने..।सुंदर सृजन..।

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  2. इन दिनों दो गज की दूरी बहुत जरूरी है । बेहतरीन सृजन.

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  3. इन दिनों ज़रूरी है

    दूसरों के काम आना,

    उनका दर्द महसूस करना

    और यह सब संभव है

    दो गज की दूरी रखकर भी.

    वाकई
    सुन्दर

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  4. इन दिनों ज़रूरी है
    दूसरों के काम आना,
    उनका दर्द महसूस करना
    और यह सब संभव है
    दो गज की दूरी रखकर भी...बहुत ख़ूबसूरती से कहा।

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  5. सुन्दर कृति - - अर्थपूर्ण अभिव्यक्ति - - इस कोरोना के समय ये सोच बहुत ही ज़रूरी है - - नमन सह।

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  6. इन दिनों ज़रूरी है
    दूसरों के काम आना,
    उनका दर्द महसूस करना
    और यह सब संभव है
    दो गज की दूरी रखकर भी ...
    सहज सरल शब्दों में सटीक बात कही आपने

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  7. बहुत सुंदर भावात्मक सुंदर सृजन।

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