शनिवार, 7 अक्तूबर 2017

२८०. अंततः

पहले जलता है मेघनाद,
फिर जलता है कुम्भकर्ण.

बचा रहता है रावण देर तक,
क्योंकि सबसे ताक़तवर होता है वह,
पर अंत तो उसका भी होता है,
आख़िर में जलता है वह भी.

सबसे ताक़तवर आख़िर में जलता है,
पर जलना पड़ता है हर आततायी को 
कभी-न-कभी.

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