सोमवार, 27 अगस्त 2012

४६. पेड़

कभी-कभी ऐसा क्यों लगता है
कि बीज से निकलकर 
डालियों,टहनियों, फूल-पत्तों के साथ
मैं जिस तरह से फैला,
उससे अलग तरह से फैलता 
तो शायद अच्छा होता.

ज़रुरी तो नहीं था छितर जाना 
फैलकर छायादार बन जाना,
अगर सीधे-सीधे ऊपर निकलता 
तो शायद आसमान छू लेता,
कम-से-कम आस-पास के पेड़ों से 
नीचा तो नहीं रहता.

अगर बीज थोड़ा बेहतर होता,
मिट्टी थोड़ी मुलायम होती,
सही खाद मिल जाती,
पानी थोड़ा और मिल जाता,
तो जहाँ पहुँचने में मुझे सालों लगे,
शायद महिनों में वहाँ पहुँच जाता.

अब इंतज़ार है 
कि कोई लकडहारा आए,
मुझे पूरी तरह काट डाले,
या कोई तूफ़ान आए,
मुझे धराशायी कर जाए,
मैं फिर किसी बीज में समाऊँ,
एक बार फिर अपनी किस्मत आज़माऊँ.

सोमवार, 20 अगस्त 2012

४५. चाह

जब कभी मैं कहीं से गुज़रता हूँ 
और कोई आईना सामने आ जाता है,
तो खुद-ब-खुद मेरे कदम रुक जाते हैं.

एक पल को मैं ठहर जाता हूँ,
निहार लेता हूँ खुद को,
ठीक कर लेता हूँ बाल,
(जो पहले से ठीक होते हैं)
और फिर चल पड़ता हूँ आगे.

आईना न हो, कहीं  ठहरा पानी हो,
जिसमें अपना अक्स देखा जा सके,
तो भी मेरे कदम रुक जाते हैं,
निहारना नहीं भूलता मैं खुद को.

अपने आप में मुझे ऐसा क्या दिखता है,
जिसे निहारने की चाह कभी नहीं मिटती?

बुधवार, 15 अगस्त 2012

४४.कुंभ

जिंदगी भर जो पाप किए थे,
सारे धो लिए थे मैंने 
पिछले कुंभ में.
तब से बहुत नेक काम किये हैं,
अब धोने को नहीं हैं कुछ खास पाप.
अगले साल फिर कुंभ आएगा 
और यूँ ही चला जाएगा.
फिर बारह साल बाद मिलेगा 
पाप धोने का मौका.

मैं बहुत जल्दी में हूँ,
निपटाने हैं बहुत सारे पाप,
ताकि कुछ तो हो धोने को 
अगले साल कुंभ में.

शनिवार, 4 अगस्त 2012

४३.डर

बिल्कुल पसंद नहीं मुझे तुम्हारे नाक-नक्श,
न ही बोलने का तुम्हारा अंदाज़,
तुम्हारी आवाज़ कानों में चुभती है,
बेढंगी लगती है तुम्हारी चाल,
उठने-बैठने खाने-पीने का तुम्हारा तरीका,
तुम्हारा हंसना, तुम्हारा रोना,
कुछ भी नहीं सुहाता मुझे.


बात-बात पर मुझसे चिपकने की तुम्हारी कोशिश,
हर वक्त मेरा ध्यान खींचने की तुम्हारी ललक,
बहुत नागवार गुज़रती है मुझे.


फिर भी मैं चुप रहूँगा,
कभी नहीं ज़ाहिर करूँगा 
अपने मन की बात,
क्योंकि मैं जानता हूँ 
कि तमाम कमियों के बावज़ूद
तुम मुझसे बहुत प्यार करती हो.


सब कुछ सह सकता हूँ मैं,
पर नहीं बर्दाश्त कर सकता 
उस प्यार का खो जाना 
जो तुम्हारे दिल में मेरे लिए है.