गुरुवार, 6 फ़रवरी 2025

795. वंदे भारत

 


वंदे भारत,
अच्छा लगता है तुम्हें देखकर,
गर्व होता है तुम्हारी रफ़्तार पर,
अनुपम है तुम्हारी ख़ूबसूरती,
पर कितना अच्छा होता
अगर तुम हमारे स्टेशन पर भी रुकती,
हम भी बैठ पाते कभी
तुम्हारी किसी बोगी में।


2 टिप्‍पणियां: