सोमवार, 10 फ़रवरी 2020

४०२.मेरा प्यार

Ashes, Smoke, Wood, Fire, Fireplace

मेरा प्यार कोई लपट नहीं,
जो धधककर आसमान छू ले
और मीलों दूर से दिखे.
मेरा प्यार राख के नीचे दबी आग है,
जिसे देखने के लिए कुरेदना पड़ता है.

3 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (12-02-2020) को    "भारत में जनतन्त्र"  (चर्चा अंक -3609)    पर भी होगी। 
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
     --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  

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  2. वाह !! बहुत खूब... सादर नमन आपको

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  3. हीरा पाना हो तो खुदाई करनी ही पड़ती है

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