सोमवार, 29 सितंबर 2025

820. ज़ुबिन की याद में

 


पिछले दिनों असम के मशहूर गायक ज़ुबिन गर्ग की 52 साल की उम्र में एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। उनकी अंतिम यात्रा में गुवाहाटी में एक जन-सैलाब देखा गया। लिम्का बुक ऑफ रेकॉर्ड्स में इसे किसी अंतिम यात्रा में इतिहास का चौथा सबसे बड़ा जन-समागम बताया गया। असम के दिल की धड़कन पर तीन छोटी-छोटी कविताएं। 

***

सुबह सूरज कुछ अनमना-सा था,

कुछ थका-थका, कुछ बुझा-बुझा,

लगता है, उसने भी गुज़ारी थी 

कल की रात करवटें बदलकर। 

***

पंद्रह लाख ज़ुबिन उतरे 

उसकी विदाई में सड़कों पर,

पता ही नहीं चला 

कि कौन सा ज़ुबिन ज़िंदा था

और कौन सा नहीं था। 

***

फिर कभी आओ,

तो ज़ुबिन बनकर आना,

कहीं और नहीं, 

यहीं आसाम में आना। 

एक हम ही हैं,

जो समझेंगे तुम्हें,

एक हम ही हैं,

जिन्हें पता होगा 

तुम्हारा मूल्य। 


6 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही मर्मस्पर्शी सृजन
    सही कहा आसाम ही समझेगा अपने जुबिन को...भावपूर्ण श्रद्धांजलि।

    जवाब देंहटाएं
  2. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 1 अक्टूबर 2025 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुंदर, भगवान जुबिन गर्ग की आत्मा को शान्ति प्रदान करे और परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे ॐ शांति

    जवाब देंहटाएं
  4. जुबीन गर्ग के साथ असम से संगीत का एक पूरा दौर समाप्त हो गया लगता है, मार्मिक रचना!

    जवाब देंहटाएं