शनिवार, 28 दिसंबर 2019

३९३.घर

Home, House, Silhouette, Icon, Building

मुझे लगता है 
कि जब मैं घर पर नहीं होता,
मेरे घर की दीवारें 
आपस में ख़ूब बातें करती हैं.

खिड़कियाँ,रोशनदान,
सब शामिल हो जाते हैं गप्पों में,
दरवाज़े भी हँसने लगते हैं.

मैं जब घर पर रहता हूँ,
तो सब चुप रहते हैं,
उतरे हुए होते हैं उनके चेहरे,
सब मेरे जाने का इंतज़ार करते हैं.

मुझे अच्छा नहीं लगता,
उन्हें दुखी देखना,
अक्सर मैं सोचता हूँ 
कि अबकी बार निकलूँ ,
तो वापस घर न लौटूं.

मंगलवार, 24 दिसंबर 2019

३९२. सांता से

Christmas, Claus, Comic Characters

सांता,
तुम क्रिसमस पर हर साल आते हो,
तरह-तरह के उपहार लाते हो-
टॉफ़ी,बिस्कुट और न जाने क्या-क्या.

इस बार आओ, तो उपहारों के साथ 
चुनिन्दा संस्कार भी ले आना,
टॉफ़ी,बिस्कुट तो ख़त्म हो जाएंगे,
पर संस्कार शायद जड़ें जमा लें
और आज के बच्चे कल बड़े होकर 
शायद आज के बड़ों से कुछ अलग हों.

शुक्रवार, 20 दिसंबर 2019

३९१. मज़बूत औरतें

People, Woman, Travel, Adventure, Trek

मज़बूत औरतों,
ज़रा संभल के रहना,
कमज़ोर औरतों से 
अब वे ऊब चुके हैं.

उनके पुरुषत्व ने उन्हें 
नई चुनौती दी है,
अब उन्हें काबू करना है 
उन औरतों को,
जो कमज़ोर औरतों के लिए 
आवाज़ उठाती हैं.

उन्हें साबित करना है 
कि वे मज़बूत औरतों को 
कमज़ोर बना सकते हैं.

मज़बूत औरतों,
तुम्हें बस इतना करना है 
कि मज़बूत बने रहना है 
और कमज़ोर औरतों को 
अपने जैसा बनाना है. 

शुक्रवार, 6 दिसंबर 2019

३९०. दिसम्बर का एक दिन

Winter, Fog, Outside, Cold, Branches

बालकनी में बैठकर धूप सेकना,
गुड़ में पगे  तिल के लड्डू खाना,
मूँगफलियाँ छीलकर दाने चबाना,
मूली के गर्मागर्म पराठे सटकाना. 

अदरकवाली चाय की ख़ुश्बू ,
घी में सिकते हलवे की महक,
टमाटर का सूप,संतरे का रस,
मक्के की रोटी,सरसों का साग. 

सूरज को छकाती अलसाई-सी सुबह,
पत्तों पर ठहरीं ओस की बूँदें,
शॉल में लिपटी सुरमई-सी शाम,
रजाई में दुबकी ठंडी-सी रात. 

इस मौसम में आपके पास इतना कुछ है,
तो आपसे धनी और कौन है?