रविवार, 1 सितंबर 2019

३७८. ख़ुशी

मैं तुमसे बस इतना चाहता हूँ 
कि तुम हमेशा ख़ुश रहो,
तुम्हारी ख़ुशी आधी-अधूरी नहीं, 
पूरी हो, भरपूर हो,
जैसी किसी माँ के चेहरे पर 
तब दिखाई पड़ती है,
जब डॉक्टर उससे कहता है 
कि उसका मरणासन्न बच्चा 
अब ख़तरे से बाहर है.

6 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (03-08-2019) को "बप्पा इस बार" (चर्चा अंक- 3447) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    श्री गणेश चतुर्थी की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
  2. इससे ज़्यादा कोई क्या चाह सकता है किसी के लिए.
    सबसे अलग ख़याल.

    जवाब देंहटाएं